सुकन्या समृद्धि योजना २०२६: अपनी बेटी के भविष्य को सुरक्षित करने का एक शानदार सरकारी प्लान
बहुत कम सरकारी योजनाएँ ऐसी होती हैं जिन्हें विशेषज्ञ भी सराहते हैं, और सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) उन्हीं में से एक है. यह योजना विशेष रूप से आपकी बेटी की उच्च शिक्षा और भविष्य में विवाह के लिए एक मजबूत वित्तीय आधार बनाने के लिए डिज़ाइन की गई है. इसे वर्ष २०१५ में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत लॉन्च किया गया था, और यह इतनी भरोसेमंद है कि इसमें आप छोटी-सी शुरुआत करके भी मैच्योरिटी पर ७० लाख रुपये तक की बड़ी रकम जमा कर सकते हैं. यह गारंटीड रिटर्न और सुरक्षा के साथ निवेश का एक बेहतरीन विकल्प है.
इस योजना में निवेश की सीमाएँ बहुत ही लचीली हैं. आप एक वर्ष में न्यूनतम २५० रुपये से खाता शुरू कर सकते हैं, जबकि अधिकतम १.५ लाख रुपये तक जमा किए जा सकते हैं. इस योजना के तहत केवल भारतीय नागरिक ही अपनी बेटी के लिए खाता खोल सकते हैं, जिसकी आयु एक दिन से लेकर १० साल तक होनी चाहिए. एक परिवार में अधिकतम दो खाते खोले जा सकते हैं, हालाँकि जुड़वाँ बेटियाँ होने की स्थिति में तीन खाते भी खोलने की अनुमति है. खाता किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस में आसानी से खोला जा सकता है.
खाते की अवधि के नियम इस योजना को और भी आकर्षक बनाते हैं. आपको सिर्फ १४ साल तक ही पैसा जमा करना होता है, लेकिन योजना खाता खोलने की तारीख से २१ साल तक चलती है. यानी, अंतिम के सात सालों में आपको कोई डिपॉज़िट करने की ज़रूरत नहीं होती, लेकिन आपके जमा किए गए पैसों पर ब्याज जुड़ता रहता है. अगर आप किसी वर्ष डिपॉज़िट करना चूक जाते हैं, तो भी घबराने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि इस पर मात्र ५० रुपये प्रति वर्ष की मामूली पेनल्टी लगती है. डिपॉज़िट की फ्रीक्वेंसी भी लचीली है—आप इसे मासिक, त्रैमासिक या सालाना एकमुश्त जमा कर सकते हैं.
सुकन्या समृद्धि योजना का सबसे बड़ा आकर्षण इसकी ब्याज दर है. यह एक सरकारी गारंटीड ब्याज दर है, जो वर्तमान में ८.२% प्रति वर्ष है. यह ब्याज दर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित और समय-समय पर संशोधित की जाती है, लेकिन यह आमतौर पर फिक्स्ड डिपॉज़िट (एफडी) की दरों से काफी अधिक होती है. इस योजना में निवेश का जोखिम शून्य है, क्योंकि यह पूरी तरह से सरकारी समर्थन प्राप्त है. बाज़ार के उतार-चढ़ाव का इस पर कोई असर नहीं पड़ता, जिससे यह सबसे सुरक्षित और स्थिर निवेश विकल्पों में से एक बन जाता है.
निवेश की संभावित रिटर्न को देखें तो यह योजना बहुत प्रभावशाली है. उदाहरण के लिए, यदि आप हर महीने सिर्फ ५,००० रुपये (यानी साल में ६०,००० रुपये) जमा करते हैं, तो १४ साल में आपका कुल डिपॉज़िट ८.४० लाख रुपये होगा. लेकिन २१ साल की मैच्योरिटी पर आपको करीब २७ से २८ लाख रुपये की राशि मिलेगी. वहीं, अगर आप हर साल अधिकतम १.५ लाख रुपये जमा करते हैं, तो मैच्योरिटी पर आपको लगभग ७९ लाख रुपये का बड़ा फंड मिल सकता है. यह कंपाउंडिंग (चक्रवृद्धि ब्याज) की शक्ति है जो छोटी रकम को भी लाखों में बदल देती है, जिससे बेटी की पढ़ाई या शादी के बड़े खर्चों के लिए पर्याप्त फंड जुटाना आसान हो जाता है.
टैक्स के दृष्टिकोण से भी यह योजना अत्यंत लाभकारी है. सुकन्या समृद्धि योजना को ट्रिपल ‘ई’ (EEE – Exempt, Exempt, Exempt) कैटेगरी स्कीम कहा जाता है. इसका सीधा मतलब यह है कि आपको तीन स्तरों पर टैक्स से छूट मिलती है. पहला, प्रति वर्ष जमा की गई राशि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत १.५ लाख रुपये तक के डिडक्शन के लिए पात्र होती है. दूसरा, हर साल खाते में जुड़ने वाला ब्याज पूरी तरह से टैक्स फ्री होता है. और तीसरा, मैच्योरिटी पर मिलने वाली पूरी एकमुश्त राशि पर भी कोई टैक्स नहीं लगता है.
हालांकि, इस योजना में एक छोटा सा ड्रॉबैक यह है कि इसमें कोई बीमा कवर शामिल नहीं है. यह केवल एक बचत योजना है, लाइफ इंश्योरेंस नहीं. साथ ही, बेटी के १८ साल का होते ही, वह कानूनी रूप से बिना अभिभावक की अनुमति के अपने खाते से पैसे निकालने की हकदार हो जाती है. खाता खोलने के लिए बेटी का जन्म प्रमाण पत्र और अभिभावक का आधार कार्ड या फोटो आईडी प्रूफ आवश्यक होता है.
अपनी बेटी के भविष्य को सुरक्षित करना आपकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है. अगर आपके घर में बेटी है और आपने अभी तक यह खाता नहीं खोला है, तो आपको इस सरकारी योजना पर गंभीरता से विचार करना चाहिए. विशेषज्ञों का सुझाव है कि सुकन्या समृद्धि योजना के साथ-साथ परिवार की वित्तीय सुरक्षा के लिए अभिभावकों को टर्म इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस भी ज़रूर लेना चाहिए, ताकि आकस्मिक स्थिति में बेटी की जमापूंजी सुरक्षित रहे.