बाबा वेंगा की 2026 के लिए सोने की कीमतों को लेकर भविष्यवाणी और विशेषज्ञों का विश्लेषण : साल २०२५ में सोने की चमक आसमान छू रही है. दिसंबर की शुरुआत में ही भारत में १० ग्राम सोने का भाव ₹७३,००० के पार पहुँच चुका है, जबकि वैश्विक बाजार में स्पॉट गोल्ड $२,४०० प्रति औंस के आसपास कारोबार कर रहा है. ऐसे में हर निवेशक के मन में यह सवाल है कि २०२६ में सोने की कीमतों का रुख क्या होगा.
इसी बीच, बुल्गेरिया की रहस्यमयी भविष्यवक्ता बाबा वेंगा की पुरानी भविष्यवाणियाँ फिर से चर्चा में हैं. उन्होंने २०२६ को ‘कैश क्रैश’ का साल बताया था, जिसका अर्थ एक बड़े वैश्विक आर्थिक संकट, बैंकिंग प्रणाली के पतन और परिणामस्वरूप सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल से लगाया जा रहा है. बाबा वेंगा की भविष्यवाणियाँ, जिन्हें ‘बाल्कन का नास्त्रेदमस’ भी कहा जाता है, अक्सर सुर्खियों में रहती हैं.
रिपोर्ट्स के अनुसार, बाबा वेंगा ने एक बड़े वैश्विक वित्तीय संकट (ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस) की बात कही थी, जिसके दौरान करेंसी सिस्टम ध्वस्त हो सकता है. उनका मानना था कि डिजिटल और भौतिक (Physical) दोनों तरह की मुद्राएँ विफल हो जाएँगी और बैंकिंग प्रणाली चरमरा जाएगी. ऐसे में लोग अपनी संपत्ति को सुरक्षित रखने के लिए सोने जैसी सुरक्षित संपत्तियों (Safe Assets) की ओर भागेंगे, जिससे सोने की माँग और कीमत रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ जाएगी.
वायरल दावों के अनुसार, इस भविष्यवाणी के सच होने पर सोने की कीमतें २० से ४० प्रतिशत तक उछल सकती हैं. यदि आज सोने का भाव ₹७३,००० प्रति १० ग्राम है, तो २०२६ में यह बढ़कर ₹१,६२,५०० से ₹१,८२,००० प्रति १० ग्राम तक पहुँच सकता है. हालांकि, यह सिर्फ भविष्यवाणी है, लेकिन विशेषज्ञ इसे वैश्विक व्यापार रुझानों और आर्थिक अस्थिरता से जोड़कर देख रहे हैं.
बाज़ार विश्लेषकों ने भी २०२६ के लिए अपनी भविष्यवाणियाँ जारी की हैं. ज्यादातर बड़े बैंक और वित्तीय संस्थान सोने की कीमतों को लेकर आशावादी हैं, जिसका मतलब है कि कीमतें ऊपर जाएँगी. कुछ विश्लेषकों का कहना है कि वैश्विक बाज़ार में सोने की कीमत जून २०२६ तक $२,६०० के शिखर को छू सकती है. कुल मिलाकर, ८० प्रतिशत से अधिक पूर्वानुमान सोने का भाव $४,००० प्रति औंस से ऊपर बता रहे हैं.
विशेषज्ञों के मुताबिक, बाबा वेंगा की भविष्यवाणी से अलग कुछ वास्तविक कारक भी हैं जो २०२६ में सोने की कीमतों को समर्थन दे रहे हैं. इनमें सबसे पहला कारक है सेंट्रल बैंक की खरीदारी. २०२५ में सेंट्रल बैंकों द्वारा ९०० टन से अधिक सोने की खरीदारी की गई है और २०२६ में भी ७६० टन सोने की खरीदारी का अनुमान है, जिसका नेतृत्व चीन और अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाएँ कर रही हैं.
अन्य महत्वपूर्ण कारकों में अमेरिकी फेडरल रिज़र्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना शामिल है, जिससे सोना धारण करना सस्ता हो जाता है. इसके अलावा, जियोपॉलिटिकल जोखिम, युद्ध और वैश्विक अस्थिरता का माहौल भी सोने की माँग को लगातार बढ़ा रहा है. खनन उत्पादन (Mining Production) में कमी और मांग में वृद्धि के कारण सप्लाई शॉर्टेज भी एक बड़ा कारक है.
यदि ये सभी कारक संयुक्त रूप से काम करते हैं और बाबा वेंगा की ‘कैश क्रैश’ की भविष्यवाणी सही साबित होती है, तो २०२६ सोने के लिए एक ‘गोल्डन ईयर’ बन सकता है. हालांकि, बाज़ार अप्रत्याशित होते हैं, इसलिए निवेशकों को हमेशा अनुसंधान और सावधानीपूर्वक योजना बनाकर ही निवेश करना चाहिए.