नमस्कार किसान भाइयों! दिसंबर का महीना सब्जी किसानों के लिए बहुत लाभदायक होता है। इस महीने में लगाई गई चुनिंदा फसलें पूरे साल में सबसे अधिक दाम देकर जाती हैं, क्योंकि इस दौरान अधिक सर्दी के कारण सब्जियों की सप्लाई कम हो जाती है। यदि आपके खेत खाली हैं, तो आप इन फसलों को लगाकर अगले 2-3 महीनों में शानदार मुनाफा कमा सकते हैं।
दिसंबर में लगाई जाने वाली मुख्य सब्जियां (फसल के अनुसार विस्तृत जानकारी):
1. भिंडी (Okra)
बुवाई का समय और क्षेत्र: पाला रहित क्षेत्र (जैसे मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, दक्षिण भारत): दिसंबर के पहले सप्ताह में बुवाई करें।उत्तर भारत (जहाँ अत्यधिक पाला पड़ता है): पाला जमना बंद होने पर, यानी 20 जनवरी के बाद बुवाई करना बेहतर है।मुनाफा: उत्तर भारत में दिसंबर से मार्च तक भिंडी का बाज़ार भाव ₹70 से ₹100 प्रति किलो तक मिल सकता है।
विशेषता: इस समय लगाई गई भिंडी छोटे पौधे से ही फल देना शुरू कर देती है और खेत की शक्ति के अनुसार बहुत लंबे समय तक चलती है, जिससे किसान को बहुत अच्छा पैसा मिलता है।
2. गोभी वर्ग की फसलें (फूलगोभी, पत्तागोभी, ब्रोकली)
बुवाई का समय और क्षेत्र: आप देश के किसी भी हिस्से (उत्तर, मध्य या दक्षिण भारत) में दिसंबर के महीने में इन तीनों गोभी फसलों की बुवाई कर सकते हैं। सर्दी कम हो या ज्यादा, इसमें कोई दिक्कत नहीं आती।
बाज़ार भाव: बाज़ार भाव अच्छे मिलने की संभावना है। उदाहरण के लिए, हाल ही में फूलगोभी ₹70-₹100 प्रति किलो तक बिक चुकी है।
उत्पादन: इस समय आ रही फूलगोभी के फूल का वजन अच्छा होता है, जिससे अगर बाज़ार भाव ₹15 किलो भी मिले तो भी अच्छा मुनाफा होता है।
3. हरी मिर्ची और शिमला मिर्ची (Green and Capsicum Chilli)
पाला रहित क्षेत्र: जहाँ अधिक सर्दी नहीं पड़ती, वहाँ किसान सीधे खेत में बुवाई कर सकते हैं (जैसे मध्य प्रदेश में लहसुन के साथ या महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात में खुले में)।
उत्तर भारत (अधिक सर्दी): नर्सरी तैयार करें: दिसंबर में नर्सरी डाल दें और उसे पाले से बचाने के लिए पॉलिथीन या तिरपाल से ढक कर रखें।
रोपाई: जनवरी के मध्य (15-20 जनवरी) में मौसम में थोड़ी गर्माहट आने पर नर्सरी को खेत में ट्रांसप्लांट (रोपाई) करें।
सुरक्षा के उपाय (रोपाई के बाद):पाला पड़ने की आशंका पर हल्की सिंचाई करें: इससे पाला नहीं जमेगा।
क्रॉप कवर का उपयोग: फसल को बचाने के लिए क्रॉप कवर/लो टनल विधि का उपयोग करें (इससे थोड़ा खर्च बढ़ेगा, पर फसल बच जाएगी)।
सल्फर का स्प्रे: अत्यधिक सर्दी या पाला जमने की आशंका पर सल्फर का स्प्रे भी कर सकते हैं।