गेहूँ की फसल में खरपतवारों का सम्पूर्ण सफाया: सही समय और सटीक दवा ; गेहूँ की फसल में बंपर उत्पादन लेने के लिए खरपतवारों का नियंत्रण सबसे महत्वपूर्ण कदम है. किसान महंगे उर्वरक (खाद) और सिंचाई पर पैसे खर्च करते हैं, लेकिन अगर खरपतवार इन पोषक तत्वों को खा जाते हैं, तो गेहूँ की फसल दब जाती है और उत्पादन में भारी नुकसान होता है. खरपतवार नाशक का गलत समय पर या गलत तरीके से इस्तेमाल करने से फसल को झटका भी लग सकता है, जिससे कल्ले (टिलर्स) निकलने का काम रुक जाता है. इसलिए, चौड़ी पत्ती और सकरी पत्ती वाले सभी तरह के खरपतवारों को सही समय पर और सही दवा से नियंत्रित करना आवश्यक है.
खरपतवार नाशक छिड़काव का सही समय और तरीका
खरपतवार नाशक का प्रयोग करते समय दो सबसे ज़रूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए:
१.पर्याप्त नमी: छिड़काव हमेशा सिंचाई (पानी) देने के बाद ही करें. खेत में पर्याप्त नमी होना बहुत ज़रूरी है. सूखे खेत में छिड़काव करने से पत्तियाँ झुलस सकती हैं और खरपतवार जड़ से खत्म नहीं होते. पहले स्प्रे करके फिर पानी देना एक गलत तरीका है.
सही अवस्था: खरपतवार नाशक का प्रयोग तब करें जब गेहूँ की फसल ३० से ४० दिन की हो जाए. खरपतवारों में भी दो से पाँच पत्तियाँ ही होनी चाहिए. अगर खरपतवार ज़्यादा बड़े हो गए हैं (जैसे छह पत्तियों से अधिक), तो छिड़काव करने से बचें, क्योंकि बड़ी खरपतवार पर परिणाम कम मिलता है और फसल को नुकसान ज़्यादा होता है.
चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों का नियंत्रण
चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार, जैसे बथुआ और जंगली पालक, खेतों में सबसे आम होते हैं. इनकी जड़ें बहुत गहरी होती हैं, जो गेहूँ से पहले पोषक तत्वों को खींच लेती हैं.
सर्वश्रेष्ठ दवा: मेटसल्फुरॉन-मिथाइल २०% डब्ल्यूपी (Metsulfuron-methyl 20% WP) यह पाउडर फॉर्म में आती है और एफएमसी की ‘एलग्रिप’ (AlGrip) नाम से काफी मशहूर है.
सही खुराक: ८ ग्राम प्रति एकड़ खुराक को कम से कम १८० से २०० लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. यह केवल चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों को नियंत्रित करता है.
सकरी पत्ती वाले खरपतवारों का नियंत्रण
गुल्ली डंडा (मंडूसी) और जंगली जई (Wild Oats) सकरी पत्ती वाले खरपतवार हैं, जो तेज़ी से बढ़ते हैं और फसल को दबा देते हैं. पंजाब, हरियाणा जैसे क्षेत्रों में मंडूसी की समस्या विकराल है.
सर्वश्रेष्ठ दवा: क्लॉडीनाफॉप-प्रोपारजाइल १५% डब्ल्यूपी (Clodinafop-propargyl 15% WP). यह पाउडर फॉर्म में आती है और सिंजेंटा की ‘टॉपिक’ (Topic) नाम से लोकप्रिय है.
सही खुराक: १६० ग्राम प्रति एकड़ को २०० लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. यह केवल सकरी पत्ती वाले खरपतवारों के लिए है.
चौड़ी और सकरी पत्ती वाले मिश्रित खरपतवारों का नियंत्रण
जिन खेतों में दोनों तरह के खरपतवार मौजूद हैं, वहाँ मिश्रण (Combination) वाले हर्बीसाइड का इस्तेमाल करना चाहिए.
सुरक्षित मिश्रण: क्लॉडीनाफॉप-प्रोपारजाइल १५% + मेटसल्फुरॉन-मिथाइल १% का मिश्रण (जैसे यूपीएल का वेस्टा – Vesta). इसकी खुराक १६० ग्राम प्रति एकड़ है. यह मिश्रण प्रभावी है और फसल को झटका कम देता है.
तेज़ असर वाला मिश्रण: सल्फोसल्फुरॉन + मेटसल्फुरॉन का मिश्रण (जैसे यूपीएल का टोटल- Total). इसकी खुराक **१६ ग्राम प्रति एकड़ है. इसका असर बहुत तेज़ होता है, लेकिन यह फसल को ज़्यादा झटका दे सकता है, खासकर अगर खरपतवार छोटे हों.
खरपतवार नाशक का छिड़काव हमेशा फ्लैट फैन नोजल से करें, जो दवा की एक समान परत बनाता है. सही समय पर सही दवा और सही तरीके का इस्तेमाल करके गेहूँ की फसल को खरपतवार मुक्त रखा जा सकता है और अधिकतम उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है.