गेंहू की बंपर पैदावार के लिए कौन सा रसायनिक खाद कब एवं कितना डालना चाहिए ? जानें सटीक जानकारी
गेहूं में पहला पानी देने का समय मिट्टी के प्रकार पर निर्भर करता है: बलुई या हल्की मिट्टी में जहाँ पानी जल्दी सूख जाता है, 18 से 20 दिनों पर सिंचाई करनी चाहिए। इसके विपरीत, भारी या नमी बनाए रखने वाली मिट्टी में 30 से 32 दिनों के बाद ही पानी दें। सबसे ज़रूरी है कि आप पौधे को उखाड़कर देखें कि उसमें मुकुट जड़ें (क्राउन रूट्स) निकलनी शुरू हुई हैं या नहीं, क्योंकि यही वह अवस्था है जहाँ से कल्लों (फुटाव) का विकास शुरू होता है, और यह पानी देने का सबसे सही समय है।
यदि आप अधिक उत्पादन के लिए व्यावसायिक खेती कर रहे हैं, तो पहले पानी के समय प्रति एकड़ 35 से 45 किलो यूरिया ज़रूर डालें, जो बढ़वार और फुटाव के लिए आवश्यक नाइट्रोजन का सबसे सस्ता स्रोत है। यूरिया के साथ, आपको 5 से 7 किलो 33% वाला जिंक सल्फेट या 8 से 10 किलो 21% वाला जिंक सल्फेट डालना चाहिए, क्योंकि फास्फोरस का अधिक उपयोग करने वाले खेतों में जिंक की कमी से पीलापन आ सकता है। कल्लों की संख्या बढ़ाने के लिए, 1 किलो सीवीड फर्टिलाइजर (80% शुद्ध) का इस्तेमाल अवश्य करें, जिसमें ऑक्सिन और साइटोकाइनिन जैसे हार्मोन्स होते हैं जो जड़ों के विकास और फुटाव को तेजी से बढ़ावा देते हैं।
जो किसान 100% जैविक खेती कर रहे हैं, उन्हें एक विशेष कल्चर तैयार करना चाहिए: 200 लीटर पानी में 15 किलो सरसों की खली (या 20-25 किलो पुराने गोबर के कंडे), 2 किलो गुड़, 5 लीटर छाछ, 1 किलो सीवीड, और 1 किलो फुलविक एसिड मिलाकर 7 दिनों के लिए फर्मेंट करें। इस तैयार जैविक कल्चर को पानी के साथ देने से भी कल्लों की संख्या में चमत्कारी वृद्धि होती है। इस प्रकार, पहली सिंचाई पर सही खाद प्रबंधन करके आप अपने गेहूं की फसल से अधिकतम फुटाव और उच्च पैदावार सुनिश्चित कर सकते हैं।